top of page

बहुत आसान होता है किसी को चरित्रहीन करार देना..!


मेरे लिए ग़ज़ब स्थिति उत्पन्न हो गयी है.! एक तरफ़ कुछ लोग फोन करके बोलते है कि हमारी बहन की हत्या की है, उसके लिए आवाज़ उठाओ.! दूसरी तरफ़ सोप से कई फ़ोन आते है कि उस महिला का पति एक ट्रेक्टर चालक है; वो बेचारा क्या दहेज माँगेगा.? इसलिए आप पोस्ट डिलीट कर दो क्योंकि आपको पूरी कहानी पता नहीं है.? मैंने कहा- पूरी कहानी बता दो..! सामने वाले व्यक्ति ने वो ही प्रेम प्रसंग और विवाहेतर सम्बंध वाली बात कही, जो मैं इस तरह के केसों में सुन-सुन कर तंग आ चुका हूँ…! अब ऐसी स्थिति में कोई तटस्थ इंसान किसी के लिए न्याय माँगे तो दिक्कत और ना माँगे तो दिक्कत..?

साथियों 2019 के आम चुनावों में मोदी सरकार की जीत के बाद मैंने तय किया था कि जो शोषित जनता खुद के लिए नहीं लड़ सकती है, उसके लिए लड़ने का कोई फ़ायदा नहीं..? इसलिए मैं केवल अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली संघर्षशील जनता और संघर्षशील साथियों की आवाज़ उठाऊँगा..! लेकिन बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू आने के बाद मुझे मेरे निर्णय को बदलना पड़ा..!

साथियों बात उन दिनों की है जब मैं लगभग पाँचवी-छठी में पढ़ता था..! मुझे अच्छे से याद है कि उन दिनों मेरे गाँव के कुछ दबंग युवाओं और पुरुषों ने एक लड़की का गैंगरेप किया था..! उस वक्त उस लड़की को न्याय दिलवाने के लिए ना तो कोई पंचायत बैठी और ना ही कोई पुलिस केस हुआ बल्कि उस लड़की के परिवारजनों ने कुछ ही महीनों बाद उसकी शादी करवा दी..!

हाल ही में दो-तीन साल पहले मेरे गाँव में एक नाबालिग लड़की को कुछ लोगों ने उस नाबालिग लड़की की मनोस्थिति का फ़ायदा उठाकर उसे वेश्यावृति के दलदल में धकेला और उसका यौन शोषण एवं रेप करवाया..! जब इस घटना का खुलासा हुआ और गाँव में पंचायत बैठी तो 90% लोग शोषणकर्ताओं के पक्ष में खड़े हो गये और केवल 10% लोग उस नाबालिग बच्ची के साथ थे..! जबकि मेरे पास उस वक्त गंगापुर एवं बामनवास के कई बड़े अधिकारियों और लोगों के नाम थे, जिन्होंने उस बच्ची का रेप और यौन शोषण किया था..! मेरे गाँव के कुछ लोग और मैं इस केस को महिला आयोग तक लेकर गये थे लेकिन अंत में कई बड़े राजनीतिक लोगों के दबाव की वजह से उस बच्ची को न्याय की जगह चरित्रहीन होने का तमग़ा मिला..!

अगर गाँव की कोई लड़की जयपुर, कोटा दिल्ली जैसे बड़े शहरों में रहकर पढ़ रही है तो उन लड़कियों को बदनाम करने के लिए गाँव के कई लोग महिलाओं के लिए उल्टी-सीधी अफ़वाह उठाएँगे..! कोई कहेगा कि फलाने की बेटी ने किसी मुस्लिम से शादी कर ली है या किसी की बेटी किसी हरिजन के साथ भाग गयी है या किसी की बेटी के चार-चार यार है..! जबकि ये लड़कियाँ शहरों में रहकर अपने माँ-बाप के सपनों को पूरा करने के लिए पढ़ रही होती है..! अभी एक-दो वर्ष पहले मेरे गाँव में कुछ लोगों ने हमारे गाँव के एक परिवार को बदनाम करने के लिए उस परिवार की बेटियों और बेटों पर अंतरजातिय और अंतरधार्मिक विवाह करने की अफ़वाह उड़ाई थी..! जबकि उस परिवार के किसी सदस्य ने कोई विवाह ही नहीं किया था, सब बच्चे अपने माता-पिता के पास रहकर पढ़ रहे थे लेकिन जिन लोगों ने इस तरह की अफ़वाह उड़ाई थी, उन लोगों में से एक शख़्स की बेटी सात-आठ महीने पहले किसी के साथ भाग गयी..!

(Note:- मैं महिलाओं की आज़ादी का समर्थन करता हूँ..! मेरी नज़र में घरों से भागने वाली लड़कियाँ और प्रेम करने वाली लड़कियाँ चरित्रहीन नहीं बल्कि बहादुर होती है..! मेरी नज़र में उन लड़कियों के वो भाई और पिता ज़्यादा चरित्रहीन है, जिन्हें शहरों में पढ़ने वाली और आज़ाद ख्यालों की लड़कियाँ चरित्रहीन नज़र आती है..!)

अब आत्महत्या के मुद्दे पर आते है..! अक्सर इंसान सिर्फ़ दो वजह से आत्महत्या करता है..! एक कारण मानसिक अवसाद या मानसिक तनाव है तो दूसरा कारण है इंसान का शोषण..! आत्महत्या के मामलें में मेरा स्टैंड बिल्कुल साफ़ है..! मेरी रिश्तेदारी में पिछले 30 वर्षों में चार-पाँच इंसानों ने आत्महत्या की और उनकी आत्महत्या का सिर्फ़ एक ही कारण था मानसिक तनाव..! मानसिक तनाव का सिर्फ़ एक ही उपाय है कि उन लोगों की अच्छे साइकेट्रिस्ट विशेषज्ञ से काउन्सलिंग करवायी जाएँ..! लेकिन आपका शोषण होता है या आपके साथ अन्याय होता और आप उस शोषण या अन्याय की वजह से आत्महत्या करते है तो आप मूर्ख है..! आपको आत्महत्या ही करनी है तो पहले शोषणकर्ता को मार कर मरो ताकि वो किसी और का शोषण ना कर कर सकें..! मेरे गाँव की जिस नाबालिग लड़की का रेप हुआ था, उस लड़की की माँ ने कहा था कि उसे न्याय नहीं मिला तो वो आत्महत्या कर लेगी..! मैंने तब उस लड़की की माँ से सिर्फ़ इतना कहा था कि मरने से पहले उन शोषणकर्ताओं को मारकर मरना जिन्होंने तुम्हारी बेटी के साथ ग़लत किया..!



हमने कुछ दिनों पहले एक भरतपुर का केस देखा था, जहाँ एक महिला और उसके बच्चे को एक डॉक्टर दम्पती ने जला कर मार डालाथा एक वर्ष बाद भी उस महिला के भाई को न्याय नहीं मिला तो उसने उस दम्पती की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी..! आपको याद होगा कि फ़ूलन देवी ने किसी तरह से अपने ऊपर हुए जुल्मों का बदला लिया था..! ठीक इसी तरह से हर शोषित इंसान को अन्याय से लड़ने की ज़रूरत है..!

~ अर्जुन महर



(अर्जुन महर दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ के स्टूडेंट है और वामपंथी छात्र संगठन AISA से जुड़े हुए है. साथ में दो किताबें भी लिख चुके है)

https://www.twitter.com/Arjun_Mehar

https://www.facebook.com/ArjunMeharOfficial

https://www.instagram.com/arjun_mehar

https://www.youtube.com/ArjunMehar

105 views0 comments
Post: Blog2 Post